
Romeo S3 Movie Review
Romeo S3 Movie Review in Hindi – ड्रग्स, वायरस और एक्शन का ओवरडोज़
🕵️♂️ कहानी: जब मिशन देश की सुरक्षा से जुड़ गया
Romeo S3 की कहानी शुरू होती है DCP संग्राम सिंह शेखावत (ठाकुर अनुप सिंह) से, जो गोवा में एक जानलेवा ड्रग कार्टेल का पर्दाफाश करने के मिशन पर है। लेकिन जब वो एक खूंखार माफिया जयंत माखीजा (अमन धालीवाल) से टकराता है, तो मामला सिर्फ नशे तक नहीं रुकता—बल्कि एक घातक वायरस और उसकी एंटीडोट तक जा पहुंचता है, जो पूरे देश को खतरे में डाल सकता है।
संग्राम को ना सिर्फ कार्टेल को रोकना है, बल्कि अपनी लापता मेंटर की मौत की सच्चाई भी उजागर करनी है। इसके बीच, एक पत्रकार तनु (पलक तिवारी) को भी माफिया किडनैप कर लेता है, जिसे संग्राम को बचाना है।
Romeo S3 एक्शन जबरदस्त, लेकिन कहानी में झोल
डायरेक्टर गुड्डू धनोआ ने फिल्म को एक पूरी तरह से मसालेदार एक्शन-थ्रिलर बनाने की कोशिश की है, जिसमें धीमी एंट्री, कार चेज़, और बम धमाके भरपूर हैं। लेकिन यह सब देखने के बाद भी फिल्म कंटेंट की कमी से जूझती है।
स्क्रीनप्ले बार-बार भटकता है और कहानी में ऐसे मोड़ आते हैं जो तर्क से कोसों दूर हैं—जैसे संग्राम का ट्रांसफर सिर्फ एक वायरल वीडियो के चलते रोक दिया जाना।
फिल्म की पहली हाफ थोड़ा स्थिर और पकड़ में रहती है, लेकिन जैसे-जैसे फिल्म आगे बढ़ती है, स्क्रिप्ट में गड़बड़ियां साफ दिखने लगती हैं। गाने और एकतरफा लव एंगल कहानी को और कमजोर कर देते हैं।
Romeo S3 अभिनय: दिखावा ज्यादा, गहराई कम
ठाकुर अनुप सिंह का एक्शन अवश्य सराहनीय है—उनकी बॉडी लैंग्वेज और एक्शन सीन्स में दम है। लेकिन उनका अभिनय कई जगह रणवीर सिंह की “सिंबा” जैसी झलक देता है, खासकर ओवर-द-टॉप डायलॉगबाजी में। इमोशनल सीन में वो दर्शकों से कनेक्ट नहीं कर पाते।
पलक तिवारी, तनु के किरदार में ठीक-ठाक हैं लेकिन उनके पास करने को बहुत कम है। एक खोजी पत्रकार के रूप में उनका किरदार अधपका और कमजोर लगता है।
अमन धालीवाल, जो दूसरे हाफ में एंट्री करते हैं, बेहद लाउड और ओवरएक्टेड विलेन बन जाते हैं। उनकी “मॉन्स्टर” जैसी प्रस्तुति डराने के बजाय कृत्रिम लगती है।
Romeo S3 निष्कर्ष: पैकिंग दमदार, कंटेंट कमजोर
Romeo S3 में हर मसाला मौजूद है—एक्शन, देशभक्ति, वायरस की साजिश, हॉट लव एंगल—लेकिन जब ये सब कुछ एक ही प्लेट में परोस दिया जाता है और ठीक से पकाया नहीं जाता, तो स्वाद बिगड़ जाता है।
फिल्म में कई अधूरी कहानियां, अधपके ट्विस्ट, और फालतू के गाने देखने को मिलते हैं। कुछ एक्शन सीन अच्छे हैं, लेकिन वो फिल्म को बचा नहीं पाते। यह फिल्म उन दर्शकों को शायद पसंद आए जो सिर्फ स्टाइल और धमाके देखने जाते हैं—लेकिन कंटेंट की तलाश वालों को निराशा ही मिलेगी।
अंतिम पंक्ति (अपना स्टाइल):
यह VR Panghal का निजी रिव्यू है। हर व्यक्ति का अपना एक नजरिया होता है। कृपया इसकी वजह से हमें हेट न दें। धन्यवाद। ट्रेलर Zee Music Company के ओफिसिअल चैनल पर उपलब्ध है |