
The Networker Review
The Networker Review MLM Scam Movie Review in Hindi – धोखाधड़ी, हंसी और अधूरी कहानी का मेल
🧠 कहानी: जब धोखा ही व्यापार बन जाए
फिल्म की कहानी आदित्य (विक्रम कोछर) के इर्द-गिर्द घूमती है, जिसका MLM (मल्टी-लेवल मार्केटिंग) बिजनेस फेल हो जाता है और उसके साथ डूब जाते हैं परिवार और निवेशकों के पैसे। मजबूरी में वो अपने दोस्त राघव (ऋषभ पाठक) और एक अनुभवी नेटवर्कर लल्लन (दुर्गेश कुमार) के साथ नया बिजनेस शुरू करता है।
हालांकि, शुरुआत में उन्हें एक इन्वेस्टर प्रधान (अतुल श्रीवास्तव) से फंडिंग मिलती है, पर यह पैसा पुराने कर्ज चुकाने में चला जाता है और बिजनेस फिर फेल हो जाता है।
🤖 The Networker Review स्कैम का नया तरीका: रोबोट और झूठे वादे
एक दिन, रोबोटिक सर्वर वाले रेस्टोरेंट में बैठकर आदित्य को एक और स्कैम का आइडिया आता है — एक ऐसी कंपनी जो पब्लिक सर्विस के लिए AI रोबोट बनाएगी। इस स्कैम को भरोसेमंद बनाने के लिए वो हायर करते हैं प्रदीप बिस्वास (इश्तियाक खान) को नकली MD के तौर पर।
वो लोगों से वादा करते हैं कि उनकी इन्वेस्टमेंट डबल होगी। देखते ही देखते इस स्कीम में ₹10,000 करोड़ का इन्वेस्टमेंट आ जाता है — लेकिन असल में कोई रोबोट नहीं बनता, यह सब एक फरेब है।
स्कीम का प्लान था कि आम लोगों को नहीं, सिर्फ ताकतवर इन्वेस्टर्स को पैसा लौटाया जाए और फिर दुबई भाग जाना। लेकिन प्रदीप को अपराधबोध होता है और वह आम निवेशकों के लिए कुछ करने का सोचता है।
🎭 The Networker परफॉर्मेंस और प्रस्तुति: दम है पर गहराई नहीं
विक्रम कोछर, दुर्गेश कुमार और ऋषभ पाठक की तिकड़ी अपनी भूमिकाओं में औसत परफॉर्मेंस देती है। इश्तियाक खान और बृजेन्द्र काला अपने quirky किरदारों से कुछ रंग भरते हैं, लेकिन फिल्म की स्क्रिप्ट उन्हें ज्यादा करने का मौका नहीं देती।
फिल्म में कुछ सीन में हंसी आती है, लेकिन कहानी का execution कमजोर है। कहानी में स्कैम का टेक्निकल पहलू बहुत सतही तरीके से दिखाया गया है।
सिर्फ एक छोटे से मोंटाज में दिखाया जाता है कि लोगों पर क्या असर पड़ा — एक लड़का अपनी मां का इलाज नहीं करवा पाता, किसी की शादी टूट जाती है, और एक छात्र कॉलेज एडमिशन से चूक जाता है।
📉 The Networker दोहराव और सीमाएं: दिलचस्प विषय, अधूरी प्रस्तुति
फिल्म की सबसे बड़ी कमजोरी है इसका repetitive format — हर बार एक स्कीम शुरू होती है, पैसा आता है, और फिर फेल हो जाती है। इसमें कोई नया मोड़ या गहराई नहीं है।
₹10,000 करोड़ जैसी बड़ी राशि इतनी आसानी से कैसे जुट जाती है — इस पर कोई सवाल नहीं उठता। ना ही स्कैम कैसे काम करता है, इस पर कोई जानकारी दी जाती है।
डायरेक्टर विकास विश्वकर्मा ने एक बेहतरीन विषय चुना था, लेकिन स्क्रिप्ट की कमजोरी और सतही अप्रोच के कारण फिल्म अपनी संभावनाओं को पूरा नहीं कर पाई।
📌 The Networker निष्कर्ष: हकीकत से दूर, स्कैम से अधूरी
MLM Scam आधारित The Networker फिल्म एक जरूरी विषय को छूती है — कैसे मजबूरी और लालच लोगों को ठगने वाला बना देता है। लेकिन फिल्म खुद ही उस स्कैम जैसे लगने लगती है — दिखने में अच्छी, लेकिन अंदर से खोखली।
अगर स्क्रिप्ट में थोड़ी और रिसर्च, भावनात्मक गहराई और तकनीकी विस्तार होता, तो यह फिल्म बहुत कुछ कह सकती थी।
अंतिम पंक्ति (अपना स्टाइल):
यह VR Panghal का निजी रिव्यू है। हर व्यक्ति का अपना एक नजरिया होता है। कृपया इसकी वजह से हमें हेट न दें। धन्यवाद। बाकि इस फिल्म का ट्रेलर आप Zee Music Company के ऑफिसियल चैनल पर देख सकते है |