अबकी बार सावन में होंगे 8 सोमवार

अबकी बार सावन में होंगे 8 सोमवार, 17 वर्षों के बाद बना है दुर्लभ संयोग

सावन का महीना शिव भक्तों के लिए बहुत खास रहने वाला है। इस बार सावन का महीने पूरे दो महीने का होगा। दरहसल इस बार मलमास लग जाने का कारण सावन 59 दिनों का हो गया सावन का महीना बाबा भोलेनाथ को समर्पित है। महादेव के भक्तों को इस बार उनकी उपासना के लिए 4 नहीं बल्कि 8 सोमवार मिलेंगी।

अबकी बार सावन में होंगे 8 सोमवार, 17 वर्षों के बाद बना है दुर्लभ संयोग

क्या होता है मलमास?

हिंदू कैलेंडर के अनुसार तीन साल में एक बार एक अतिरिक्त माह आता है जिसे मलमास या पुरुषोत्तममास कहा जाता है. पंचांग के अनुसार जब सूर्य ग्रह राशि बदलकर एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करते हैं तो उसे संक्रांति कहा जाता है.

ऐसे में 12 राशियां और 12 संक्रांति होती हैं. लेकिन जिस माह संक्रांति नहीं होती यानि सूर्य राशि नहीं बदलते उस माह मलमास होता है. मलमास में किसी भी प्रकार का शुभ कार्य वर्जित माना गया है.

इस बार सावन महीने की शुरुआत 4 जुलाई 2023 से होने जा रही है। 31 अगस्त को सावन का समापन होगा। इस बार शिव भक्तों को कुल 59 दिन भगवान शिव की उपासना के लिए मिलेंगे।

इस बार सावन पर बना है बेहद शुभ संयोग वैदिक पंचांग के अनुसार, सौर मास और चंद्र मास के आधार पर साल 354 दिनों का होता है जबकि सौर मास 365 दिन का होता है।

ऐसे में दोनों में कुल 11 दिनों का अंतर आता है और हर 3 साल बाद यह अंत 33 दिनों का हो जाता है। जिसे अधिक मास के नाम से जाना जाता है। इसी वजह से सावन 2 महीने का रहेगा।

अबकी बार सावन में होंगे 8 सोमवार

  1. जुलाई10 से सावन के पहले सोमवार व्रत शुरू
  2. जुलाई 17 सावन का दूसरा सोमवार- (सोमवती और हरियाली अमावस्या का संयोग)

18 जुलाई से मलमास लग जाएगा जो 16 अगस्त तक रहेगा।

  1. जुलाई 24 मलमास का सोमवार
  2. जुलाई 31 मलमास का सोमवार
  3. अगस्त 7 मलमास का सोमवार
  4. अगस्त 14 मलमास सोमवार
  5. अगस्त 21 सावन शुद्ध
  6. अगस्त 28 सावन शुद्ध

सावन मास की पूजा विधि

सावन के महीने में सोमवार के दिन सुबह जल्दी स्नान करके साफ वस्त्र धारण करें। इसके बाद व्रत रखने का संकल्प लें। और किसी मंदिर या घर पर ही शिवलिंग और शिव परिवार पर गंगाजल चढ़ाएँ।

इसके बाद ओम नम: शिवाय मंत्र का जप करते हुए भगवान शिव का जलाभिषेक करें। इसके आलाव शिवलिंग पर सफेद फूल, अक्षत, सफेद चंदन, भांग धतूरा, गाय का दूध, धूप, पंचामृत, सुपारी, बेलपत्र आदि चढ़ाएं।

सावन के सोमवार का व्रत कर रहे हैं तो सावन सोमवार की कथा जरुर पढ़ें। अंत में भगवान शिव को प्रसाद जरुर चढ़ाएं। कमेंट करें और जय भोले नाथ जरूर लिखें।

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